अंधविश्वासजनित अपराध रोकने पुलिस तैयार करेगी 20 हज़ार स्वयंसेवी कार्यकर्ता

पुलिस तैयार करेगी 20 हज़ार स्वयंसेवी कार्यकर्ता - विश्वरंजन
हर ग्राम से एक कार्यकर्ता होंगे तैयार

रायपुर । सामाजिक अपराध और अमानवीय गतिविधियों को प्रोत्साहित करने वाले प्रचलित अंधविश्वासों से प्रदेश को मुक्त करने के लिए राज्य के हर गाँव से एक-एक कार्यकर्ता को छत्तीसगढ़ पुलिस प्रशिक्षित करने जा रही है । ये प्रशिक्षित कार्यकर्ता अपने-अपने गाँव में पांरपरिक रूप से प्रचलित अंधविश्वासों, जैसे इनमें टोनही, डायन, झाड़-फूँक की आड़ में ठगी, धन दोगूना करने की चालाकियों, गड़े धन निकालने, शारीरिक, मानसिक आपदाओं को हल करने के लिए गंडे ताबीज, चमत्कारिक पत्थर एवं छद्म औषधियों का प्रयोग कर धन कमाने आदि गतिविधियों, घटनाओं के पीछे की जाने वाली चालाकियों एवं ट्रिक्स की वैज्ञानिक व्याख्या कर प्रायोगिक प्रदर्शन कर जनजागरण करेंगे । ज्ञातव्य हो कि पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन की विशेष सामाजिक पहल पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने वर्ष 2009 में टोनही प्रकरणों की दर को शून्य पर स्थिर करने तथा अंधविश्वास आधारित अपराधों के नियंत्रण हेतु विशेष अभियान प्रारंभ किया है ।

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि राज्य में संचालित इस अभियान में लगभग 20,000 (बीस हज़ार) स्वयंसेवी कार्यकर्ता प्रशिक्षित होकर अंधविश्वासजनित अपराधों को रोकने में प्रमुख भूमिका निभायेंगे । प्रथम चरण में 19 जिलों से चयनित 200 जिला स्त्रोत प्रशिक्षकों को देश-विदेश में वैज्ञानिक तरीकों से अंधश्रद्धा उन्मूलन के लिए प्रसिद्ध संस्था नागपुर एवं पटना की सामाजिक संस्था द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण रायपुर में दिलाया जायेगा । ये जिला स्त्रोत प्रशिक्षक पुलिस अधीक्षक एवं जिला टास्क फ़ोर्स के अध्यक्ष द्वारा चयनित पुलिस अधिकारी एवं स्वयंसेवी कार्यकर्ता होंगे । द्वितीय चरण में ये 200 प्रशिक्षित जिला स्त्रोत प्रशिक्षक 19 जिलों के प्रत्येक अनुविभाग स्तर पर 10-10 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे । ये अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले पुलिस कर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, महिला संगठन के सदस्य, कलाकार, समाजसेवी होंगे ।
अनुविभाग स्तर पर प्रशिक्षित ट्रेनर्स अपने अनुविभाग के अधीन सभी थानों के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक ग्राम से 1-1 स्वयंसेवी कार्यकर्ता को दक्ष करेंगे । ये स्वयंसेवी कार्यकर्ता ग्राम कोटवार, युवा/महिला संगठन के सदस्य, लोक कलाकार आदि होंगे जिनका चिन्हाँकन थानेदार द्वारा किया जायेगा । इस तरह से कुल 19744 अर्थात् 20,000 कार्यकर्ता वैज्ञानिक चेतना, ट्रिक्स एवं उन चालाकियों से ग्रामीणों को परिचित करायेंगे ताकि टोनही आदि कई अंधविश्वासों से अपराधों को बल न मिले । इसके अलावा प्रत्येक मेले, मडई, शिविरों आदि में वैज्ञानिक ट्रिक्स से अंधविश्वास के बचने के लिए विशेष आयोजन भी करेंगे ।
ये प्रशिक्षित स्वयंसेवक कार्यकर्ता विशेष तौर पर टोनही, डायन के साथ-साथ अंधश्रद्धा के दुष्परिणामों की रोकथाम के लिए कई तरह के प्रावधानित कानून जैसे - औषधि और जादू उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1955, भारतीय दंड संहिता ( धारा 420 एवं अन्य), तथा छत्तीसगढ़ में विशेष तौर पर टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम-2005 आदि की जानकारी भी गाँव-गाँव में देंगे, ऐन वक्त पर अपराधों को रोकने के लिए पुलिस को संसूचित करेंगे ताकि अनहोनी और अप्रिय घटनाओं, अपराधों समय रहते ही को टाला जा सके ।

रंगईगुड़ा के 10 संघम सदस्यों का आत्मसमर्पण

दंतेवाड़ा । नक्सलियों से तंग आकर एक महिला समेत 10 संघम सदस्यों ने बुधवार की शाम 5 बजे दोरनापाल थाने में पहुँच आत्म समर्पण किया । आत्म समर्पण किए हुए संघम सदस्यों ने पूछताछ में बताया है कि और भी संघम सदस्य आत्म समर्पण के लिए तैयार है और शीघ्र ही आत्म समर्पण करने वाले हैं । फ़िलहाल सभी संघम सदस्यो से पुलिस पूछताछ ज़ारी रखे हुए हैं । सभी सदस्य दोरनापाल था अंतर्गत कोर्रापाड़ पंचायत के रंगईगुड़ा ग्राम के निवासी है ।

दोरनापाल एसडीओपी ओ.पी. शर्मा ने बताया कि आत्म समर्पण करने में महिला संघम सदस्य - पदाम बंडी (21), सोढ़ी हड़मा (35 वर्ष), वेट्टी गंगा (35 वर्ष), मड़कम माड़का (30 वर्ष) ताती हुंगा (29 वर्ष) ताती बंडी (22 वर्ष), मड़कम मुका (22 वर्ष), ताती देवा (32 वर्ष), कोहरुम देवा (30 वर्ष) व दूधी देवा (20 वर्ष) शामिल है । जिन्हें उसी गांव के पटेल सैकड़ों ग्रामीणों के साथ संघम सदस्यों को आत्म समर्पण के लिए दोरनापाल थाने लेकर पहुँचे थे । आत्मसमर्पित सभी सदस्य पिछले 2-3 वर्षों से नक्सलियों के साथ शामिल हुए थे । पूछताछ के दौरान संघम सदस्यों ने बताया कि वे नक्सलियों के कहने पर पेड़ काटना, सड़क काटकर मार्ग अवरुद्ध करने जैसे कार्य कराए जाते थे । उन्हें नक्सली जबरदस्ती घर से उठाकर ले जाते थे । रोजी-रोटी के लिए खेती भी करने नहीं दी जाती थी, मना करने पर पुलिस मुखबिर करने का आरोप लगाते हुए जान से मारने की धमकी दी जाती थी । पुलिस का दबाव बढ़ने व नित्य प्रति ख़ून-ख़राबे होने से तथा नक्सलियों से तंग आकर उन्होंने आत्म समर्पण करने का निर्णय लिया । साथ ही बताया कि और भी सदस्य शीघ्र ही आत्म समर्पण करने वाले हैं । आत्म समर्पित सदस्यों के मूलभूत आवश्यकताओं का वैकल्पिक व्यवस्था कर राहत शिविर दोरनापाल में ठहराया गया है । श्री शर्मा ने बताया कि आत्म समर्पितों के साथ सहानुभूतिपूर्वक रवैया अपनाया जाएगा ।

शिवकुमार ने छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है – विश्वरंजन


रायपुर । 4 फरवरी । छत्तीसगढ़ के युवा खिलाड़ी शिवकुमार ने एशिया मास्टर एथलेटिक्स चैम्पियनशीप में स्वर्ण पदक जीतकर देश सहित छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है । उनके इस कार्य से छत्तीसगढ़ पुलिस का माथा भी गर्वोन्वत हुआ है । पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने शिवकुमार की प्रशंसा करते हुए कहा है कि सातवीं बटालियन के प्लाटून कमांडर श्री शिवकुमार का कार्य विभाग के अन्य खेल प्रतिभाओं के लिए भी अनुकरणीय बन पड़ा है ।


श्री शिवकुमार ने विगत 13-17 जनवरी को थाईलैंड के चांगमाई शहर में संपन्न 15 वीं एशिया मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशीप में दो-दो पदक जीतकर रिकार्ड बनाया है । उन्होंने हेमर थ्रू (तारा गोला फेंक) में 34।44 मीटर का रिकार्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक अर्जित किया तथा इतना ही नहीं, उन्हें डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक भी मिला है । डिस्कस थ्रों में वे 33.94 मीटर का रिकार्ड बनाये है ।


श्री शिवकुमार वर्तमान में, सातवीं बटालियन, भिलाई में प्लाटून कमांडर के पद पर कार्यरत हैं । इसके पूर्व भी वे कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए पदक जीत चुके हैं । श्री शिवकुमार को पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए सम्मानित किया और उन्हें यथोचित शासकीय प्रोत्साहन हेतु पहल किया है । श्री कुमार की इस उपलब्धि पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सशस्त्र बल) श्री गिरिधारी नायक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री रामनिवास, पुलिस महानिरीक्षक द्वय श्री आर.के.विज, श्री डी. एम. अवस्थी, डीआईजी द्वय श्री पवनदेव हिमांशु गुप्ता सहित पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी है ।