लॉटरी, पुरस्कार वाले फ़र्जी ईमेल के झाँसे में ना आये - पुलिस महानिदेशक

रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने राज्य के सभी ई-मेल धारकों को फ़र्जी ई-मेल के माध्यम से लाटरी, पुरस्कार, रुपयों के स्थानांतरण या कंपनी पार्टनर बनाये जाने की सूचना देकर कपटपूर्वक रूपये ऐंठने वालों से सावधान रहने को कहा है । छत्तीसगढ़ पुलिस प्रमुख द्वारा सभी इंटरनेट यूजर्स और विशेष तौर पर ई-मेल धारकों को आगाह करते हुए कहा गया है कि देश एवं विदेश से ऐसे फ़र्जी और जालसाजी संगठनों के चक्कर न आते हुए तत्काल ऐसे पुरस्कार, लाटरी, दान या चिकित्सा बीमा की राशि क्लैम करने या किसी ज़रूरतमंद को सहायता राशि भेजने की भावना में न बहते हुए ऐसे सभी ई-मेल का जवाब व व्यक्तिगत जानकारी दिये बग़ैर उन्हें तत्काल मेल बाक्स से डिलीट करने का सुझाव दिया है ।
पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने ऐसे सभी ई-मेल, डाक, कुरियर आदि के माध्यम से मिलने वाले फ़र्जी प्रस्तावों के शिकार नहीं बनने के लिए राज्य के लोगों को आगाह कराते हुए कहा है कि ऐसे किसी भी अज्ञात व्यक्तियों या संस्थाओं की ऐसी योजनाओं या प्रस्तावों के सहभागी बनकर कोई भुगतान न किया जाय । लाटरी योजनाओं में सहभागिता के लिए किसी भी रूप में यह कार्य विप्रेषण विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 के अंतर्गत प्रतिबंधित है ।

ऐसे सभी फ़र्जी ई-मेल संदेश भेजने वालों द्वारा एक बार संपर्क हो जाने पर जवाबदाता का नाम, पता आदि सहित बैंक खाता, एटीम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के क्रमांक, पासवर्ड, शाखा आदि ज्ञात किया जाता है । संपर्क हो जाने और खाता नम्बर ज्ञात हो जाने पर पुरस्कार या लाटरी स्वरूप मिलने वाली राशि विदेश से भारत हस्तांतरण के नाम पर कमीशन के नाम पर राशि भेजने की माँग की जाती है । भोले-भाले लोगों को धोखे में रखने के लिए ऐसे फ्राड लोगों द्वारा फोन करके एवं जानी-मानी कंपनियों के लैटर पैड़ में पूर्व में पुरस्कृत लोगों का विवरण और फर्जी फ़ोटोग्राफ़ भी प्रमाण में भेजे जाते है जिससे लोगों को कोई शंका नहीं होती और वे हजारों रूपये गँवा बैठते हैं ।

पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने ऐसे सभी ई-मेल, डाक, कुरियर आदि के माध्यम से लॉटरी में जीतने के फ़र्जी प्रस्तावों के शिकार नहीं बनने के लिए राज्य के लोगों को आगाह कराते हुए कहा है कि ऐसे किसी भी अज्ञात व्यक्तियों या संस्थाओं की ऐसी योजनाओं या प्रस्तावों के सहभागी बनकर कोई भुगतान न किया जाय । लाटरी योजनाओं में सहभागिता के लिए किसी भी रूप में यह कार्य विप्रेषण विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 के अंतर्गत प्रतिबंधित है । अतः ऐसे किसी लाटरी या पुरस्कार वाले ई-मेल को तुंरत मेल बाक्स से हटा दिया जाय ।

राज्य के अधिकांश ईमेल उपयोगकर्ताओं को प्रतिदिन ऐसे मेल माइक्रोसॉफ्ट, कार्पोरेशन वर्ल्ड लॉटरी, माइक्रोसॉफ्ट इंक प्रोमो, एमएमएन, एओएल, याहू लॉटरी, आस्ट्रेलिया लोटो, ब्रिटिश इंटरनेशनल लॉटरी, कोका कोला, डेयजर्स, यूरो एफ्रो अमेरिकन लॉटरी, यूरो एफ्रो एशियन लॉटरी, यूरो मिलियन्स, फ्लैश फ़ार्चून्स, जापानी लाटरीज, स्वीस लॉटरी, पॉवर वेल, साउठ एफ्रीका, लाटरी कनाडा, ग्लोबल मेगा लॉटरी, टोयोटा, ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल लॉटरी, ग्लोबल लॉटरी कार्पोरेशन, वर्ल्ड कप लॉटरी, अरबन लोटो इंटरनेशनल, लोटो अनलिमिटेड़, युनाइटेड़ स्टेट्स लॉटरी, लॉटरी ई-मिलियंस, मंडेला लॉटरी साउथ अफ्रीका, केमलेट ग्रुप्स, माइक्रोसॉफ्ट गोल्डन गेट, मकाऊ कैसिनो वीनर्स, क्रिश्चियन वेल्फेयर आर्गानाइजेशन, कुवैत फंड प्रोजेक्ट प्रमोशन, फाउंटेन प्रमोशन लिमिटेड़, केलिफोर्निया क्रॉस लॉटरी, फीफा 2010ऑनलाइन गेम प्रमोशन, होंडा एवार्ड कंपनी, स्पैनिस लॉटरी बोर्ड, लक्की डे लॉटरी, Financial services firm Baird, युनाईटेड़ नेशन, एस्कॉम प्राईव्हेट लिमिटेड़ साउथ एफ्रीका, आदि कई फ़र्जी कंपनियों से भेजे जा रहे हैं और लाखों डालर का लालच दिया जा रहा है । इसके अलावा रोज़ नये नये नामों से ऐसे फ़र्जी और धोखे वाले ई-मेल भेजे जा रहे हैं । अतः किसी प्रकार की शंका होने या ऐसे ई-मेल प्राप्त होने पर ऐसे ई-मेल को विभागीय मेल prodgpcg@gmail.com पर फारवर्ड कर किया जा सकता है जिसके बारे में 24 घंटों के भीतर अवगत करा दिया जायेगा कि संबंधित कंपनी और उसके द्वारा दिया गया प्रस्ताव फ़र्जी है या नहीं ?

छत्तीसगढ़ पुलिस को अधिक कार्यक्षम बनाने संवेदनशील पहल


रायपुर। वे घर-परिवार छोड़कर दूर घने जंगलों में नक्सली पदचापों की टोह में रात-रात-भर जागते हैं । वे गर्मी-बरसात-जाड़े की परवाह किये बग़ैर कभी किसी निर्ज़न में पड़ी लाश की एकाकी रखवाली करते हैं तो कभी भूख-प्यास-नींद सबकुछ बिसार कर किसी गुंडे, मवाली को धर-दबोचने की जद्दोजहद में भटकते रहते हैं । जब सारी दुनिया मीठे-मीठे सपनों में खोयी रहती है तब भी वे बंदूक थामे गेट के बाहर व्हीआईपी की सुरक्षा में सारी रात मुस्तैद रहते हैं । वे लंबे समय तक घर से बाहर रहने वाला शारीरिक तनाव और मानसिक तनाव भी झेलते हैं । फिर भी वेतन और सुविधाओं के नाम पर कभी कोई हड़ताल नहीं कर सकते । धरना नहीं देते, डेलिगेशन लेकर किसी को माँगपत्र नहीं देते । छत्तीसगढ़ के ऐसे अराजपत्रित पुलिस कर्मियों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए स्वयं पुलिस मुख्यालय ने संवेदनशील पहल शुरु की है ताकि वे और अधिक कार्यक्षम बनकर पुलिसिंग का जोखिम भरा काम संपन्न कर सकें ।

छत्तीसगढ़ के पुलिस निरीक्षकों, उप निरीक्षकों, सहायक उप निरीक्षकों, हवलदार, सिपाहियों सहित कार्यालयीन स्टाफ़ के वेलफेयर के लिए प्रभावी क़दम उठाये जाने और 5 वें वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने की पहल इस बार स्वयं पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने की है । इसके पूर्व कई राज्यों के पुलिस विभाग में प्रचलित वेतनमान और सुविधाओं का व्यापक अध्ययन-विश्लेषण एवं परीक्षण श्री एम।के.नवानी, पुलिस महानिदेशक, सशत्र बल के मार्गनिर्देशन में पुलिस मुख्यालय के योजना एवं प्रबंध शाखा प्रमुख एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री रामनिवास व पुलिस उप महानिरीक्षक श्री जी.पी.सिंह द्वारा किया गया । परीक्षण में यह बात उभर कर सामने आयी है कि अन्य सभी राज्यों सहित पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश के अराजपत्रित पुलिस कर्मियों की अपेक्षाकृत छत्तीसगढ़ के अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को कम वेतन एवं आवश्यक सुविधायें प्राप्त हो रही है ।

24 राज्यों में छत्तीसगढ़ एकमात्र ऐसा राज्य हैं जहाँ पुलिस निरीक्षक के लिए सबसे कम वेतनमान 5500-9000 प्रचलित है । जबकि अपने पुलिस निरीक्षकों को महाराष्ट्र सरकार 7450-11050, त्रिपुरा सरकार 7450-13000 व सिक्किम सरकार 7000-11500 का वेतनमान देती है । छत्तीसगढ़ से छोटे व कम साधनसंपन्न राज्य जैसे बिहार, , मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश की सरकारें सहित अन्य 15 राज्यों की सरकारें भी अपने पुलिस निरीक्षकों को 6500-10500 का वेतनमान देती हैं । राज्य के पुलिस मुख्यालय ने पुलिस निरीक्षकों के लिए 7400-1300 रुपए का वेतनमान प्रस्तावित किया है ।

इसी तरह छत्तीसगढ़ के सब-इंस्टपेक्टरों को भी अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू काश्मीर, केरला, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, ओडिसा, सिक्किम, तमिलनाडू, उत्तरप्रदेश, अंडमान निकोबार, चंडीगढ़, दादर नगर हवेली, दिल्ली, पांडिचेरी और दिल्ली के पुलिस सब-इंस्पेक्टरों से कम वेतन मिलता है । छत्तीसगढ़ एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ एसआई को 4500-7000 वेतनमान मिलता है जबकि देश के लगभग सभी राज्यों में 5500-9000 का वेतनमान लागू है । उधर महाराष्ट्र, मिजोरम, सिक्किम, चंडीगढ़, केरला, जम्मूकाश्मीर, हरियाणा आदि राज्य सरकारें अपने सहायक उपनिरीक्षकों को 4500 या 5000 से 8000 का वेतनमान देती हैं किन्तु छत्तीसगढ़ में उनके लिए मात्र 4000-6000 वाला वेतनमान स्वीकृत है। यही स्थिति हवलदारों और सिपाहियों की भी है जिन्हें छत्तीसगढ़ जैसे नक्सली प्रभावित राज्य होने के बावजूद भी क्रमशः 3500-5200 और 3050-4590 का वेतनमान दिया जाता है जबकि अन्य कई राज्य जो कम जोखिम और समस्याओं वाले है , उन्हें अधिक वेतनमान अर्थात् 4000-6090 या उसके आसपास का वेतनमान दे रहे हैं । पुलिस मुख्यालय के योजना एवं प्रबंध शाखा ने अराजपत्रित कर्मियों के प्रचलित वेतनमान के स्थान पर सूबेदार के लिए 6000-11500 रुपए, उप निरीक्षक के लिए 5500-9100 रुपए, सहायक उप निरीक्षक के लिए 5000-8000 रुपए, प्रधान आरक्षक के लिए 4300-5900 रुपए व आरक्षक के लिए 3200-6030 रुपए वाला वेतनमान प्रस्तावित किया है ।

मध्यप्रदेश में सीधी भर्ती और पदोन्नति से भरे जाने वाले 6500-10500 वेतनमान के पदधारियों को राजपत्रित अधिकारी भी बनाया जा चुका है और वहाँ निरीक्षकों और उपनिरीक्षकों को 1 सितम्बर2007 से उन्नत वेतनमान भी दिया जा रहा है ।

पुलिस रेग्यूलेशन 292 के अनुसार पुलिस विभाग के समस्त अराजपत्रित अधिकारियों और कर्मचारियों को निःशुल्क आवास दिये जाने के प्रावधान को ध्यान में रखते हुए चरणवार आवास गृहों के लिए बजट आबंटन की पहल की जा रही है । वर्तमान मकान किराया भत्ता (मूलवेतन का मात्र 10 प्रतिशत) को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने की अनुशंसा भी की गई है ।

इसी तरह वर्तमान किट मेंटेनेंस अलाउंस के रूप में 20 से 60 रुपए प्रतिमाह को बढ़ाकर 200 से 500 रुपए, थानों में पदस्थ प्रधान आरक्षक व आरक्षक के फिक्स मासिक यात्रा भत्ता 25-30 रुपए को बढ़ाकर कर क्रमशः 250 एवं 300 रुपये किये जाने, नगर क्षतिपूर्ति भत्ता को 75 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए प्रतिमाह करने, विशेष पुलिस भत्ता 18 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए करने, रायफल भत्ता 30 रुपए को बढ़ाकर 200 रुपए करने, विशेष शाखा एवं दूरसंचार शाखा का विशेष वेतन जो वर्तमान में 15 रुपए से 175 है को बढ़ाकर 75 रुपए से 400 रुपए किये जाने, अराजपत्रित अधिकारियों को नियुक्ति से समय एक बार दिये जाने वाले वर्दी अनुदान को 400 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए किये जाने, तीन वर्ष में एक बार वर्दी नवीनीकरण राशि 250 रुपए से 1500 किये जाने, प्रतिमाह सचिवालय के समकक्ष पीएचक्यू एलाउंस दिये जाने, कैशबुक संधारण करने वाले कैशियर का विशेष भत्ता 50 रुपए से 250 रुपए किये जाने, निरीक्षक से आरक्षक स्तर तक प्रतिमाह दिये जाने वाला पौष्टिक आहार भत्ता को 100 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए किये जाने की पहल भी योजना कक्ष द्वारा की जा रही है । इसी तरह राजपत्रित अधिकारियों से ज़ुड़े वर्दी नवीनीकरण, वर्दी अनुदान, ग्रुप इंश्योरेंस में कटोत्रा आदि के लिए भी आवश्यक संस्तुति की गई है ।

पुलिस की कार्यक्षमता में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा अराजपत्रित कर्मचारियों के वेतन-भत्ते को बढ़ाने के साथ-साथ अन्य कल्याणकारी गतिविधियों की आवश्यकताओं पर भी जोर जा रहा है । इसमें सभी जिलों में सामुदायिक भवन निर्माण, पुलिस कर्मियों के शिक्षारत बच्चों के लिए 14 होस्टलों, पुलिस लाईनों एवं बटालियनों के लिए 36 सुलभ शौचालयों, रायपुर जिले के अतिरिक्त शेष जिलों में 30 बिस्तरों वाले 19 पुलिस अस्पतालों के निर्माण आदि की भी आवश्यक पहल शुरु हो चुकी है ।

पुलिस महानिदेशक ने की हवलदार की प्रशंसा रायपुर

10 सितंबर, 2008
ऐसे मौक़े कम ही आते हैं जब किसी विभाग के सबसे छोटे कर्मचारी को उसके विभाग के सबसे बड़े अधिकारी की मुक्तकंठ से प्रशंसा मिलती है। श्री अमीत कुमार ऐसे ही योग्य कर्मचारी हैं, जिन्हें उनके विभाग के मुखिया ने उनकी प्रतिभा के लिए न केवल शाबाशी दी बल्कि शासन के नियमानुसार उन्हें पदोन्नति देने पर त्वरित विचार करने जैसी हौसला आफ़जाई भी की । ऐसे योग्य और सौभाग्यशाली कर्मचारी हैं - अमीत कुमार अंदानी, जो आमानाका पुलिस थाने में हवलदार के पद पर कार्यरत हैं । विगत दिनों उन्हें खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ओर से वर्ष 2008 का पंकज विक्रम सम्मान दिया गया है । इस पुरस्कार स्वरूप उन्हें नगद राशि 25 हज़ार सहित, प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया । श्री अमीत वर्तमान में छत्तीसगढ़ पुलिस में व्हालीबाल टीम के कप्तान हैं । राज्य में विगत 5 वर्षों में चार बार प्रथम और एक बार तृतीय स्थान दिला चुके हैं । उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य टीम को सर्वश्रेष्ठ 10 टीमों में स्थान अर्जित हुआ है । इसके अलावा राष्ट्रीय पुलिस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ 8 टीमों में स्थान दिलाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है । ज्ञातव्य हो कि श्री अंदानी स्कूली अध्ययन के दिनों से ही व्हालीबाल के खिलाड़ी रहे हैं । उन्होंने मध्यप्रदेश स्कूल नेशनल प्रतियोगिता 3 बार बालक सीनियर वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया है और वे सब जूनियर इंडिया कैंप कटक, उड़ीसा में भी मध्यप्रदेश की तरफ़ से सम्मिलित हो चुके हैं, जिसमें नेशनल टीम चुनी जाती है । और इतना ही नहीं उनके पिता श्री टीकम दास अंदानी भी मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रथम विक्रम अवार्ड व्हालीबाल के लिए प्राप्त कर चुके हैं जो वर्तमान में एसईसीएल, कोरबा में व्हालीबाल के कोच के रूप में कार्यरत हैं ।

दूर संवेदी तकनीक को भविष्य में अधिक कारगर बनाना होगा - विश्वरंजन

10 सितंबर 08

" देश की आंतरिक सुरक्षा विशेषकर नक्सल आपरेशन में दूर संवेदी उपकरण एक सहायक की तरह उपयोगी है । किन्तु आने वाले दिनों में नागरिकों की बुनियादी ज़रूरतों से जुड़ी सुविधाओं के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था में सूचना तंत्र को अधिक कारगर बनाने के लिए दूर संवेदी उपकरण (रिमोट सेंसेसिंग अप्लीकेशन) को और अधिक उन्नत बनाया जाना चाहिए ताकि नदी, नाले, जंगल, पर्वत, खाई आदि दूर्गम भौगोलिक स्थलों की सार्थक और अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराने में उसकी व्यवहारिक उपयोगिता सिद्ध हो सके । " विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली और छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, रायपुर के सहयोग से नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय द्वारा "क्षेत्रीय योजना एवं प्रबंधन निर्धारण में दूर संवेदी उपकरण का उपयोग" विषय पर आयोजित 2 दिवसीय राष्टीय कार्यशाला के उद्घाटन करने के पश्चात अपने संबोधन में मुख्य अतिथि एवं छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने देश भर से आये वैज्ञानिक प्राध्यापकों से आग्रह किया कि बुनियादी विज्ञान को विकसित करना समय की माँग है । विज्ञान के बुनियादी तत्वों, रहस्यों और उद्देश्यों को आत्मसात किये बिना किसी भी इजाद या उपकरण में सिद्धि नहीं पायी जा सकती। उन्होंने विज्ञान से जुड़े सभी विषयों के अंतरसंबंध पर ज़ोर देते हुए कहा कि जब तक अंतरसंबंधित विज्ञान को विकसित नहीं किया जायेगा मानवता का चरम लक्ष्य नहीं पाया जा सकता है।
श्री विश्वरंजन ने आंध्रपदेश के लापता हेलिकाप्टर की तलाश के लिए चलाये जा रहे अभियान का प्रसंगवश जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का यह प्रयास विश्व का सबसे बड़ा अभियान है । हेलिकाप्टर लापता होने की समूचे विश्व में ऐसी कम से कम 100 घटनायें है जिन्हें विकसित और तकनीकी मामलों में उन्नत देशों ने भी 10-15 दिन की खोज के बाद बंद कर दिया किन्तु संसाधनों के मामलों में अल्प विकसित राज्य होने के बावजूद छत्तीसगढ़ में विगत कई दिनों से यह प्रयास जारी रहा है जिसमें पुलिस अपने सभी संसाधनों का उपयोग निरंतर करती रही है ।
पुलिस के सहयोग के लिए विज्ञान कालेज़ ने हाथ बढ़ाया
राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष ओंकार वैस ने पूर्व महाविद्यालयीन छात्र शहीद द्वय राजीव पांडेय, और भास्कर दीवान के बलिदान का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि विज्ञान महाविद्यालय राष्ट्रीय अस्मिता की सुरक्षा में सदैव आगे रहेगा । उन्होंने कहा कि विज्ञान महाविद्यालय नक्सली घटनाओं में मारे जाने वाले परिजनों के लिए 51 हज़ार रुपयों की सहायता राशि नक्सली पीडित राहत कोष में उपलब्ध करायेगा तथा नक्सली वारदातों में हताहत होने वाले परिवार के बच्चों की निःशुल्क उच्च शिक्षा की व्यवस्था भी महाविद्यालय में की जायेगी ।
महाविद्यालय के रक्षा अनुसंधान विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में वरिष्ठ वैज्ञानिक व मेपकॉस्ट, भोपाल के कार्यकारी निदेशक श्री रवि भारद्वाज ने दूर संवेदन उपकरण की कार्यपद्धति, विकास और उपयोगिता पर विस्तृत जानकारी दी । कार्यक्रम के प्रारंभ में महाविद्यालय परिवार की ओर से प्राचार्या गीता तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया । रक्षा विज्ञान विभाग के प्रमुख एवं कार्यशाला संयोजक श्री गिरीश पांडेय ने कार्यशाला के उद्देश्यों के बारे में बताया । उक्त अवसर पर देश भर के प्रतिभागी वैज्ञानिक, प्राध्यापक, विषय विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।