कुख्यात एवं दूर्दांत सशस्त्र दो माओवादी पुलिस के हत्थे चढ़े


रायपुर । विधानसभा चुनाव 2008 के दौरान झारखंड राज्य के सरहदी इलाके पर भाकपा-माओवादियों के बढ़ते दबाब के मद्देनज़र पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा मुकेश गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक बलरामपुर बद्रीनारायण मीणा के कुशल नेतृत्व में चलाये जा रहे अभियान के परिणामस्वरूप 2 दिसम्बर 2008 को पुलिस अधीक्षक को मुखबिर के ज़रिये सूचना मिली कि स्टेट कमेटी सदस्य वीरसाय, जोनल कमांडर विनय तथा एरिया कमेटी सदस्य जगदीश के नेतृत्व में 40-50 की संख्या में माओवादी झारखंड राज्य के गढिया ग्राम एवं छत्तीसगढ़ राज्य के बलरामपुर अंतर्गत पिपराही ग्राम के मध्य घनघोर जंगल में विधिविरूद्ध क्रियाकलापों एवं आतंकी घटना को अंजाम देने के उद्देश्य से आये हुए हैं ।

उक्त सूचना पर पुलिस अधीक्षक द्वारा डी।आर.आंचल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, के नेतृत्व में निरीक्षक अरबिंद किशोर खलखो, निरीक्षक एसआर खान, एसटीएफ एवं डीएफ की टीम गठित कर भाकपा-माओवादियों की धरपकड़ हेतु दिशानिर्देश देकर प्रातः 4 बजे थाना बलरामपुर से पिपराही गाँव की ओर रवाना किया गया।

पिपराही पहुँचने के पूर्व पुलिस पार्टी द्वारा नक्सलियो को चारों ओर से घेराबंदी करने के उद्देश्य से दो पार्टी बनायी गई । पहली पार्टी का नेतृत्व श्री आंचल वे दूसरी का नेतृत्व श्री खान कर रहे थे । दोनों पार्टी जैसे ही कन्हार नदी पर गढ़िया घाट पहुँचे कि 3-4 व्यक्ति पुलिस को देखकर घने जंगल मे छुपने की कोशिश करने लगे । पुलिस पार्टी को उक्त व्यक्तियों को दौडाकर पकड़ने का प्रयास किया गया । जिससे 2 व्यक्ति हथियार एवं पीठू सहित पकड़ में आ गये । एक व्यक्ति अपना हथियार फेंककर जंगल पहाड़ की आड़ लेकर भागने में सफल हो गया ।

पूछताझ में उन दोनों ने माकपा माओवादी का होना बताया । माकपा माओवादी एरिया कमांडर अशोक घांसी/नायक उर्फ कुलदीप उम्र 19 वर्ष आत्मज रामशत्रुघ्न साकिन बरकौल, थाना भंडरिया, जिला गढ़वा, झारखंड होना स्वीकार किया गया । दूसरा भाकपा माओवादी का सक्रिय सदस्य गौरी पनिका, उम्र 25 वर्ष, आत्मज बनारस पनिका, साकिन परसवार, थाना भंडरिया, जिला गढ़वा का होना बताया ।

दोनो भाकपा माओवादी ने हथियार फेंककर भागे हुए अपने साथी का नाम विजेन्द्र याद, साकिन परारवार का होना बताया है । पूछताझ के दौरान उसने अपने दस्ते के अन्य 40-45 साथियों एवं कमांडर वीरसाय, विनय एवं जगदीश की उपस्थिति झारखंड राज्य के गढ़वा जिले में कन्हार नदी के उस पार बढ़नी जंगल मे होना बताया है ।

पुलिस पार्टी आगे बढ़ते हुए सर्चिंग की लेकिन भाकपा-माओवादियों को पुलिस के आने की सूचना मिलने पर वे जंगल पहाड़ होते हुए झारखंड के चपिया, मतगढ़ी की ओर भाग गये । पूछताझ पर एरिया कमांडर कुलदीप ने बताया कि मैं वर्ष 2003 से भाकपा-माओवादी दस्ता में शामिल हूँ । पूर्व में मैं श्रीकांत के दस्ते मे काम किया था । कुछ समय रितेश एवं केश्वर के दस्ते में भी चैनपुर एरिया में काम कर चुका हूँ । वर्ष 2007 से अभी तक विजय उर्फ नेपाली उर्फ वीणा खेस तथा वीरसाय के नेतृत्व मे भाकपा माओवादी संगठन का कार्य कर रहा हूँ । जनवरी 2008 में मुझे तथा विश्वनाथ खैरवार को बरगढ़, भंडरिया एवं छत्तीसगढ़ क्षेत्र का एरिया कमांडर बनाया गया ।

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