प्रगति के पथ पर छत्तीसगढ़ पुलिस

नव वर्ष के शुभारंभ की सुबह आत्मावलोकन की सुबह है। वर्ष 2008 समय के सनातन नियम के अनुसार पुलिस विभाग के लिये नये अनुभवों तथा उपलब्धियों का रहा। प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह के सक्षम नेतृत्व में राज्य पुलिस ने भरसक प्रयास किया कि यह विकास की अभिकर्ता के रूप में सामने आए। राज्य में मौजूदा हालात राज्य पुलिस के लिये चुनौतीपूर्ण है और पुलिस बल ने बखूबी प्रभावी कार्य कर दिखाया है। राज्य पुलिस ने इस वर्ष अधोसंरचना के उन्नयन हेतु विशेष प्रयास किए हैं। अपराधों के अन्वेषण, अभियोजन, अपराधों की रोकथाम तथा शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये पर्याप्त व्यावसायिक दक्षता का प्रदर्शन किया है। राज्य पुलिस व्यावसायिक दक्षता की वृद्धि करने और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिये वर्ष 2008 में उत्साहजनक प्रयास किये हैं।

मानव संसाधन में वृद्धि हेतु स्वीकृतियाँ

मानव संसाधन में अभिवृद्धि के अनुक्रम में वर्ष 2008 में विभिन्न संवर्ग के कुल 2660 नवीन पदों की स्वीकृति दी गई है। जिसमें, 03 नवीन अजाक थाना, 05 चौकी तथा 02 चौकियों का थाने में उन्नयन हेतु 244 पद, गृह (पुलिस) विभाग से संबंधित माननीय न्यायालय में लंबित प्रकरणों एवं समय पर माननीय न्यायालय में जवाब प्रस्तुत करने के उद्देश्य से पुलिस जवाबदेही प्राधिकरण के गठन हेतु 44 पद, नक्सल क्षेत्र के थाना एवं चौकियों के प्रभावी नियंत्रण हेतु पुलिस अनुविभागीय अधिकारी एवं सहायक अमले के 03 पद, गृह (पुलिस) विभाग का कार्य क्षेत्र व्यापक होने के कारण छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल हेतु महानिदेशक का 01 पद, नक्सल क्षेत्रों के नवीन थाना/चौकी एवं अन्य आवासीय/प्रशासकीय भवनों के निर्माण हेतु पायोनियर कंपनी के गठन हेतु 142 पद, अति संवेदनशील प्रदेश होने के कारण राज्य के प्रथम नागरिक महामहिम राज्यपाल महोदय एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय की सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था हेतु 212 पद, प्रदेश के समूचे नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु 02 भारत रक्षित वाहिनी बस्तर क्षेत्र के अंतर्गत 15वी, 16वीं वाहिनी हेतु 2014 पद, नक्सल क्षेत्र के अंतर्गत संवेदनशील, अतिसंवेदनशील थाना/चौकी एवं फील्ड में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों को क्रमश: 15: एवं 20: नक्सली भत्ता की स्वीकृति प्रदान की गई है।

पदोन्नतियाँ :-
पुलिस विभाग में लगभग सभी संवर्गों के पुलिस अधिकारियों को पदोन्नति प्रदान की गई है। उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को करीब 3 वर्ष से अधिक समय से लंबित उच्च वेतनमान की स्वीकृतियाँ शासन द्वारा जारी की गई है। कुल 16 निरीक्षकों को उप पुलिस अधीक्षक के पद पर पदोन्नति दी गई। सभी संवर्गों के लिपिकीय कर्मियों को भी पदोन्नति प्रदान की गई है। इसके अलावा 135 सहायक उप निरीक्षको एवं 130 उप निरीक्षकों एवं 63 सउनि (एम) को क्रमश: उप निरीक्षक, निरीक्षक व उप निरीक्षक (अ) के पद पर पदोन्नति हेतु योग्यता सूची जारी कर दी गई है जिन्हें शीघ्र पदोन्नतियाँ दी जावेगी ।

सीधी भर्ती

वर्ष 2008 में पुलिस में सीधी भर्ती के समस्त पदों पर भर्तियाँ की गई है। थानों के अपग्रेडेशन के अंतर्गत द्वितीय चरण के तहत स्वीकृत लगभग 4000 आरक्षकों की भर्ती की जा चुकी है । इसी प्रकार 380 उप निरी0/सूबेदार/प्लाटून कमाण्डर की सीधी भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। लोक सेवा आयोग से चयनित होकर 41 उप पुलिस अधीक्षक नियुक्ति पश्चात पुलिस अकादमी चन्दखुरी में प्रशिक्षणरत् हैं। पुलिस प्रशिक्षण संस्थाओं के लिए 02 योग शिक्षक भी नियुक्त किए गए हैं जो पुलिसकर्मियों को योग प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिससे पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ उन्हें मानसिक तनाव को कम करने में सहायता मिल रही है।

पुलिस बजट -
राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2008-09 हेतु पुलिस विभाग हेतु मूल बजट में रू0 582.62 करोड़ एवं प्रथम अनुपूरक अनुमान में रू0 93.03 करोड़ इस प्रकार कुल 675.65 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। नवम्बर 2008 की स्थिति में प्रावधानित बजट में से रू0 423.36 करोड़ का व्यय हो चुका है अथाZत उपयोगिता 62.66 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।

साधन सुविधाएँ :-

• आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत टाटा सूमो विक्टा 05, ट्रेक्टर मय ट्राली 05, जीप 53, बोलेरो इन्वेडर 05, बुलेट प्रुफ महिन्द्रा जीप 01, हाइड्रोलिक क्रेन 01, जेल वाहन 02, वज्र वाहन 10, आर0आई0वी0 02, मोटर सायकिल 100, 52 सीटर बस 04, वाटर टैंकर 04 नग क्रय कर इकाईयों को आबंटित किया गया है ।
• योजना अंतर्गत उपकरण/सामग्री सर्च लाईट 321 नग, क्वायर मेट्रेस 350 नग, फोिल्डंग कॉट 350 नग, फोटोकापियर 62 नग, जनरेटर 2.5 केवीए 14 नग, डिजीटल डुप्लीकेटिंग मशीन 04 नग, नाईट विजन गॉगल 16 नग, हेण्ड ग्रेनेड ट्रेनिंग सिमुलेटर 05 सेट, इमरजेंसी लाईटिंग सिस्टम 12 नग, लेपटॉप कम्प्यूटर 12 नग, डेस्कटॉप कम्प्यूटर 70 नग, 110 नग लेजर प्रिंटर, टी0वी0 विथ डीवीडी 10 नग, कम्प्यूटर टेबल एवं चेयर 88 नग, जनरेटर 10 केवीए 09 नग क्रय कर इकाईयों को आबंटित किया गया है ।
• राज्य बजट के अंतर्गत 13वीं वाहिनी एवं अन्य इकाईयों हेतु जीप 18 नग, मिनी बस 13 नग, वज्र वाहन 03 नग, बुलेट प्रुफ बोलेरो 02 नग, बुलेट प्रुफ जीप 01 नग, सर्च लाईट 25 नग, जनरेटर 03 नग, विन्डो कूलर 13 नग, क्वायर मेट्रेस 380 नग, जनरेटर 10 केवीए 20 नग क्रय किया जाकर इकाईयों को आबंटित किया गया है। 13वीं वाहिनी हेतु फर्नीचर एवं कार्यालय उपकरण कम्प्यूटर, टाईपराइटर, डुप्लीकेटिंग मशीन, प्रोजेक्टर, जनरेटर, कूलर, आलमारी, फेक्स, फोटोकापियर क्रय किया जाकर प्रदाय किया गया है ।

पुलिस बल का आधुनिकीकरण -

वर्ष 2008 में पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना 2007-08 अंतर्गत भारत सरकार, गृह मंत्रालय से रू0 28.10 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। प्राप्त आबंटन से विभिन्न इकाईयों में प्रशासकीय भवन, आवासीय भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। वाहन, अस़्त्र-शस्त्र, सुरक्षा एवं अन्य उपकरण, प्रशिक्षण उपकरण, एफएसएल उपकरण तथा दूरसंचार उपकरणों का प्रबंध किया जा रहा है। स्वीकृत सामग्री/उपकरणों की क्रय कार्यवाही त्वरित गति से जारी है। स्पेशल ग्रांट के तहत नक्सल समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा अतिरिक्त रूप से स्वीकृत किए गए रू0 15.00 करोड़ के अस्त्र-शस्त्र एवं रू0 4.11 करोड़ के 5 नग माईन प्रोटेक्टेड वाहन क्रय किये जा रहे हैं। राज्य शासन द्वारा दिये गये अनुदान के तहत रू0 6.41 करोड़ के अत्याधुनिक हथियार विदेशों से आयात किये जा रहे हैं।

प्रशासकीय एवं आवासीय भवनों का निर्माण

 12 वे वित्त आयोग के अंतर्गत
जंगलवार फेयर कालेज कांकेर के प्रशासकीय/आवासीय भवन निर्माण हेतु 807।83 लाख, पुलिस अकादमी चन्दखुरी के प्रशासकीय/आवासीय भवन निर्माण हेतु रूपये 803.015 लाख, पीटीएस माना के उन्यन हेतु प्रशासकीय भवन निर्माण हेतु रूपये 131.00 लाख, पीटीएस राजनादगांव के उन् प्रशासकीय/आवासीय भवन निर्माण हेतु 57.82 लाख, एपीटीएस बारसूर केम्प जगदलपुर के प्रशासकीय/आवासीय भवन निर्माण हेतु रूपये 57.29 लाख, पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र बोरगाँव के प्रशासकीय /आवासीय भवन निर्माण हेतु 29.00 लाख, को-आर्डिनेशन सेन्टर रायपुर हेतु 213.31 लाख, को-आर्डिनेशन सेन्टर बस्तर हेतु 203.27 लाख, को-आर्डिनेशन सेन्टर सरगुजा हेतु 203.27 लाख, नवीन पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय मैनपाट सरगुजा के प्रशासकीय भवन निर्माण हेतु रूपये 300.00 लाख का आवंटन जारी किया गया है।

आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत

1 पुलिस लाईन, 3 थाना भवन, 20 अराजपत्रित आवासगृह, 80 प्रधान आरक्षक आवास गृहों के निर्माण हेतु रू0 494।00 लाख की स्वीकृति, पुलिस थानों में कंप्यूटरीकरण हेतु सीपा योजना के अन्तर्गत 100 थानो मे 10 ग् 10 पक्का रूम निर्माण हेतु 45.00 लाख का आवंटन जारी, पायलेट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत जिला बीजापुर हेतु 1520.21 लाख एवं जिला दन्तेवाडा हेतु 1068.40 लाख की स्वीकृति भारत सरकार से जारी, राज्य योजना मंडल के अन्तर्गत 10.00 करोड लागत से प्रशासकीय भवन निर्माण हेतु स्वीकृति जारीं।

राज्य बजट के अंतर्गत

6.34 करोड की लागत से विभिन्न थाना/चौकियों एवं क्वार्टर गार्ड के कन्सर्टिना क्वायल फेंसिंग एवं एम एस फेब्रिकेटेड गेट निर्माण की स्वीकृति, 11 बटालियनों में एक-एक एवं जिलों के पुलिस लाईनों में दो-दो कुल 51 सुलभ शौचालय निर्माण हेतु रूपये 434.52 लाख की स्वीकृति, 10 बटालियन एवं अन्य स्थानों में ओवर हेड टेन्क निर्माण हेतु रूपये 50.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति एवं 16 थाना एवं 01 चौकी भवन निर्माण हेतु रूपये 359.26 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी।

कानून व्यवस्था की उत्कृष्ट स्थिति :-
वर्ष 2008 में प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पूर्णत: नियंत्रण में रही। विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा राष्ट्रीय, राजनैतिक व स्थानीय समस्याओं को लेकर जूलूस, धरना/प्रदर्शन, आमसभा इत्यादि आंदोलन किये गये, जो शातिपूर्ण रहे। राज्य में साम्प्रदायिक सौहाद्रZ पूणत: कायम रहा। प्रदेश की जनता ने कानून व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग दिया। प्रदेश में राज्य विधान सभा चुनाव दिनांक 14.11.2008 से 13.12.2008 तक शांतिपूर्ण सम्पन्न हुए। इसके अतिरिक्त कृषक, छात्र, शासकीय सेवकों एवं श्रमिक संगठनों के आंदोलन शांतिपूर्ण रहे। राज्य का पुलिस तंत्र जनसमस्याओं के निवारण हेतु कृतसंकल्प है। प्रदेश के 2 करोड़ 8 लाख नागरिकों का विश्वास राज्य की पुलिस पर और मजबूत हुआ है।

कल्याणकारी योजनाएँ
सामुहिक बीमा :- राज्य शासन द्वारा नक्सली हिंसा में शहीद, अपंग एवं घायल होने वाले पुलिस अधिकारियों के परिवारों को बीमा क्लेम की राशि 211 शहीदों के लिए रू0 21.10 लाख का भुगतान किया गया है। बीमा दावों के भुगतान में आ रही असुविधाओं को दूर करने के उद्वेश्य से राज्य शासन द्वारा अब सामूहिक बीमा विकल्प विशेष अनुदान योजना 2008 दिनांक 29.05.08 से लागू की गई है। इस हेतु राज्य शासन द्वारा 5.00 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। अब तक 28 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।

परोपकार निधि :-
परोपकार निधि में कमचारियों के वेतन से अंशदान एवं शासन से प्राप्त अनुदान की राशि से मृतक के आश्रित परिवार को रू0 20,000/- एवं नक्सली हिंसा में शहीदों के आश्रितों को रू0 1.00 लाख की राशि अनुदान के रूप में दी जाती है। इसके अंतर्गत 22 शहीदों के आश्रितों को रू0 22.00 लाख का भुगतान किया जा चुका है।

सम्मान निधि :-
छत्तीसगढ़ पुलिस के समस्त अधिकारियों द्वारा अपने एक दिन के वेतन से शहीद सम्मान निधि का गठन किया गया है जो शहीद स्मृति दिवस 21 अक्टूबर, 2008 से प्रारंभ की गई है । जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ पुलिस के शहीद होने वाले पुलिस अधिकारी के परिवार को राशि रू0 1.00 लाख पृथक से सम्मान निधि के रूप में स्वीकृत किए जाते हैं। अब तक 8 शहीद पुलिस अधिकारियों के आश्रित परिवारों को इस निधि के अंतर्गत भुगतान किया गया है ।

विशेष अनुग्रह अनुदान :-
छत्तीसगढ़ में नियोजित किए गए अन्य अर्द्ध सैनिक बलों के अधिकारियों के शहीद होने की स्थिति में विशेष अनुग्रह अनुदान राशि स्वीकृत किए जाने हेतु पूर्व में राज्य शासन द्वारा स्वीकृत का सरलीकरण करते हुए अब राशि रू0 3।00 लाख प्रत्येक शहीद के आश्रित परिवार को स्वीकृत किए जाने के अधिकार पुलिस महानिदेशक को प्रदाय किए गए हैं जिससे अब अपेक्षाकृत शीघ्र यह राशि शहीद के आश्रित परिवार को सुलभ कराई जा सकेगी।

शहीदों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति हेतु नियमों का शिथिलीकरण :- पुलिस विभाग की पहल पर राज्य शासन द्वारा शहीदों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने बाबत् नियमों का शिथिलीकरण किया गया है जिसके तहत अब शहीद के परिवार के किसी अन्य सदस्य के शासकीय सेवा में होते हुए भी एक अन्य सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होगी। इसी प्रकार शैक्षणिक योग्यता में भी आवश्यक छूट देने के अधिकार पुलिस महानिदेशक को दिए गए हैं तथा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन-पत्र प्रस्तुत करने हेतु आवेदन-पत्र की समय-सीमा 6 माह के स्थान पर 01 वर्ष की गई है।

अपराध अनुसंधान

• पुलिस थानों के कंप्यूटराईजेशन की ओर बढ़ते कदम :- पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली को नागरिकों हेतु सुविधाजनक बनाने तथा पारदर्शिता लाने के उद्देशय से एन.आई.सी. द्वारा भारत सरकार की सीपा योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत राज्य के 10 प्रतिशत थानों में कम्प्यूटरीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया था। इसी तारतम्य में राष्ट्रीय ई-गर्वनेंस योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा सी.सी.टी.एन.एस. योजना प्रारंभ की जा रही है जो कि सीपा का अत्याधुनिक एवं समेकित रूप है सी.सी.टी.एन.एस. में सीपा के अतिरिक्त पुलिस विभाग में प्रचलित कम्प्यूटरीकरण की अन्य योजनाओं को भी समाहित किया गया है। सी.सी.टी.एन.एस. के नोडल आफिसर की नियुक्ति कर दी गई है एवं प्रक्रिया जारी है।

• फिंगर प्रिंट शाखा की उपलब्धि :- ब्यूरो द्वारा वर्ष 2008 में 10 विवादग्रस्त दस्तावेजों, 56 वस्तु प्रकरणों, 1072 अंगुल चिन्ह अभिलेख पिर्णयों, 1736 अन्वेषण पिर्णयों, 41 निगरानी बदमाशों के अंगुल चिन्हों का वर्गीकरण कर प्रकरण निराकृत किए गए।

• साईबर लेब की स्थापना :- अपराध अनुसंधान विभाग के अंतर्गत कार्यरत साइबर सेल में हार्ड डिस्क से मिटाए गए डाटा के पुर्ननिर्माण के लिए विशेष साफ्टवेयर (ECASE V5.0) क्रय किया गया है जिसकी सहायता से जाली अंकसूची प्रकरण में महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की गई ।

• फोटोग्राफी :- फील्ड स्तर पर अपराध अनुसंधान को वैज्ञानिक रूप प्रदान करने हेतु आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत राज्य के 175 थानों को फिक्स फोकस कैमरे प्रदाय किए गए हैं, 16 जिलों को विडियो कैमरे तथा 14 जिलों को डार्क रूम सामग्री प्रदाय की गई है।

• अपराध में नियंत्रण :-
पिछले वर्ष के नवम्बर माह से वर्तमान वर्ष अक्टूबर माह तक के आंकड़ों के तुलनात्मक विश्लेषण पर ज्ञात होता है कि पिछले वर्ष की तुलना में कुल भादवि अपराधों में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि परिलक्षित हुई है। आवेश में घटित होने वाले अपराध जैसे कि हत्या में 4.45 प्रतिशत की वृद्धि, जबकि हत्या के प्रयास में 12 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी जिलों को स्वतंत्र रूप से अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए गए थे जिसके कारण डकैती तथा लूट जैसे सम्पत्ति संबंधी अपराधों में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि परिलक्षित हुई है। इसी अवधि में प्रतिबंधक धाराओं के अंतर्गत 12.7 प्रतिशत की एवं लघु अधिनियमों के अंतर्गत 21.4 प्रतिशत की वृद्धि परिलक्षित हुई है। वर्ष 2008 के दौरान प्रतिबंधात्मक धाराओं तथा लघु अधिनियमों के अंतर्गत की गई कार्यवाही में राज्य भर में उल्लेखनीय वृद्धि परिलक्षित हुई है जिसके कारण से अपराध नियंत्रण में अपेक्षित परिणाम अर्जित किए गए हैं। वर्ष 2008 में विभिन्न अपराध से संबंधित प्रकरणों में 24 संदिग्ध व्यक्तियों के पोटेZट बनाए गए जिसमें से 01 प्रकरण में उल्लेखनीय सफलता अर्जित की गई।

नक्सलवाद पर करारा प्रहार :-
प्रदेश के विकास के मार्ग में सबसे बड़े अवरोध तथा लोकतंत्र के शत्रु नक्सलियों पर पुलिस द्वारा भीषण वार किया गया। वर्ष 2008 में 29 दिसम्बर तक नक्सल विरोधी मुहिम के दौरान हुई नक्सली व सुरक्षा बलों के साथ हुई 232 मुठभेड़ों में 67 नक्सलियों को मार गिराया गया एवं 156 नक्सली/404 संघम सदस्यों को गिरफ्तार कर 07 नक्सली कैम्प ध्वस्त किया गया। वर्ष 2008 (29 दिसम्बर तक) में नक्सलियों से भारी मात्रा में हथियार एवं विस्फोटक सामग्री जप्त की गई, जिसमें 01 नग ए.के-47, 02 नग एस.एल.आर., 04 नग 315 बोर रायफल, 06 नग 303 रायफल, 94 नग भरमार बंदूक, 21 नग 12 बोर बंदूक, 94 नग देशी कट्टा, 01 नग 12 बोर कट्टा, 01 नग देशी पिस्टल, 11 नग पिस्टल 04 देशी 2 इंच मोर्टार, 01 आटोमेटिक रायफल, 01 माउजर, 01 देशी स्टेनगन, 315 बोर कट्टा 01 नग, (कुल 244 हथियार) 83 लैण्डमाइंस, 218 डेटोनेटर सहित भारी मात्रा में कारतूस एवं प्रेशर बम, पेट्रोल बम तथा आई.ई.डी 08 नग आदि बरामद किये गये, इससे बौखलाकर नक्सलियों द्वारा हिंसात्मक घटनाए की गई। वर्ष 2008 (29 दिसम्बर तक) प्रदेश में नक्सलियों द्वारा हत्या 141, हत्या के प्रयास 264, डकैती 45, लूट 05, आगजनी 54, मारपीट 03, अपहरण 11 एवं अन्य 147 अपराधिक घटनाएँ कारित की गई जो नक्सलियों की हताशा का घोतक है एवं विगत वर्षों की तुलना में कम है। इस वर्ष विधानसभा चुनाव, पुलिस की सक्रियता से शांतिपूर्ण कराने में सफल रहे। वर्ष 2008 (29 दिसम्बर तक) के दौरान पुलिस बल के 64/16 (SPO) अधिकारियों ने कर्तव्य पथ पर चरम बलिदान कर अपने प्राणों की आहुति दी। वहीं नक्सली हिंसा में 139 आम नागरिकों, 05 अन्य शासकीय कर्मियों तथा 01 गोपनीय सैनिक की भी मृत्यु हुई। इसी मध्य रायपुर भिलाई, दुर्ग, बिलासपुर जैसे गैर नक्सल प्रभावित माने जाने वाले जिलों के सघन शहरी इलाकों में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को तोड़ने, उनके समर्थक आईलम्मा कल्लवल्ला उर्फ कविता उर्फ संध्या उर्फ मीना चौधरी, मालती उर्फ के.एस. प्रिया उर्फ शांतिप्रिया, असित कुमार सेनगुप्ता को गिरफ्तार कर उनसे 5 लाख रूपये नगद, 5 नग वाहन, 47 नग वाकी टॉकी, 9 नग 9 एमएम पिस्टल, 53 नग 9एमएम पिस्टल के कारतूस, 251 नक्सली वर्दी पेंट, 197 शर्ट, 634 मी. कपड़ा एवं 87 नग देशी पिस्टल जप्त कर उनके आपूर्ति तंत्र को समाप्त करने में कामयाबी हाथ लगी है।

प्रशिक्षण से प्रवीणता :-
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु सीटीजेडब्ल्यू वारंगटे, मिजोरम की तर्ज पर प्रशिक्षण दिये जाने हेतु जंगलवार फेयर कॉलेज कांकेर की स्थापना किया जाकर अधिकारी/कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नवगठित पुलिस अकादमी चंदखुरी में परीक्षाधीन 41 उप पुलिस अधीक्षकों का 1 वर्ष का बुनियादी प्रशिक्षण कराया जा रहा है। वर्ष 2008 में 01.11.2008 तक जिला पुलिस बल के 2605 नव आरक्षकों को विभिन्न प्रशिक्षण शालाओं में प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश के विभिन्न प्रशिक्षण शालाओं एवं वाहिनियों में 288 महिला आरक्षकों सहित कुल 3278 नव आरक्षकों को बुनियादी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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