एससी, एसटी अधिनियम में लापरवाही करने वाले विवेचना अधिकारी भी दंडित होंगे


अब राज्य में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के शोषण और उनके विरूद्ध होने वाले अपराधों पर लगाम कसने के लिए ऐसे प्रकरणों की विवेचना हर हालत में एक माह के भीतर करके चालान प्रस्तुत किया जायेगा । पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन के मार्ग निर्देशन में पुलिस महानिरीक्षक, (अजाक) आर। सी. पटेल द्वारा आज पुलिस मुख्यालय में संपन्न राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में सभी जिलों के नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि एससी, एसटी अधिनियम के तहत जो विवेचना अधिकारी लापरवाही बरतेंगे उन्हें धारा 4 के तहत दंडित किया जायेगा ताकि समय सीमा के भीतर ऐसे वर्गों के प्रताडित लोगों के अधिकारों का संरक्षण किया जा सके ।

सभी नोडल अधिकारियों को नये सिरे से निर्देशित किया गया है कि अजा, अजजा, पिछड़े वर्ग तथा महिलाओं के विरुद्ध कारित अपराधी प्रकरण में यदि कोई अपराधी न्यायालय से छूट जाता है तथा उसके द्वारा पुनः ऐसा कोई अपराध कारित किया जाता है तो धारा पाँच के तहत उसके दंड मे वृद्धि करायी जाये । ऐसे प्रकरणों में धारा 10 के तहत आरोपी के विरूद्ध जिला बदर की कार्यवाही भी की जा सकती है। बैठक में सारे लंबित प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए चालान प्रस्तुत करने हेतु भी कड़ा निर्देश दिया गया ।

पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जहाँ बड़ी संख्या में इन वर्गों का शोषण या उनके खिलाफ़ अपराध होते हैं या ऐसी संभावना बनी रहती है उन क्षेत्रों को चिन्हाकित करके तत्काल परिलक्षित क्षेत्र घोषित किया जावे तथा ऐसे परिलक्षित क्षेत्रों में नोडल अधिकारियों की पदस्थापना, अतिरिक्त बल, अवैयरनेस कैंप, शांति समिति की बैठकें आयोजित कर उनके संरक्षण एवं विकास पर आवश्यक ध्यान दिया जावे । बैठक में दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, राजनाँदगाँव, जाँजगीर, कोरबा, कोरिया, कबीरधाम जैसे परिलक्षित क्षेत्रों के नये प्रस्ताव बनाकर आवश्यक रूप से भेजने का निर्णय लिया गया ।
श्री पटेल द्वारा सभी जिला अधिकारियो को निर्देशित किया गया कि अजजा और जजा वर्ग के फ़रियादी द्वारा लाया गया एफआईआर को अनिवार्यत पंजीबद्ध किया जाये तथा बिना राजीनामा के ऐसे प्रकरणों का चालान एक माह के भीतर न्यायालय में प्रस्तुत किया जावे । अधिकारियों को टोनही डायन आदि मामलों की निरंतर निगरानी तथा राज्य में विभाग द्वारा शुरू किये गये अंधविश्वास उन्मूलन अभियान स्वयंसेवी भाव से चलाने के संबंध में भी निर्देश दिया गया । इसके लिए जिला, अनुविभाग, थाने स्तर पर टास्क फोर्स गठित कर स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं के माध्यम से राज्य भर में अंधश्रद्धाओं और अंधविश्वासों के खिलाफ सामाजिक अभियान चलाने हेतु अभिप्रेरण किया गया ।

कोई टिप्पणी नहीं: